Sunday, June 24, 2012

Dheu Bhaange Paar Bhaange ( धेऊ भांगे पार भांगे )

आज का गीत इंडियन ओशीयन के ताज़ा एल्बम '१६/३३० खजूर रोड' से है | मैं इसका पूरा अर्थ तो नहीं जानता किन्तु यह नाविकों द्वारा गाया जाने वाला एक बंगाली लोकगीत लगता है | इसमें कवि अपने मन की अवस्था की तुलना नदी की लहरों से कर रहें है | वे कहते है कि नदी की लहरों की ही तरह उनका मन दौड़ रहा है | बाकी का अर्थ आप अपने किसी बंगाली मित्र से पूछ सकते हैं :) |

कवि : अविक मुखोपाध्याय

धेऊ भांगे पार भांगे 
मोनो आमार भांगे 
धेऊ भांगे पार भांगे 
शोपनो आमार भांगे 
आमार भांगा ह्रदय 
शोना लागे, तोरी ताने रे | धेऊ भांगे ..........

नोदिर पानी चोकेर पानी
नोदि होइया बोय
एई नोदि तुई देखलि आतो 
चोखे डोरे नार | धेऊ भांगे .......

ओर खोसेते पागल होईला 
तोरे प्राणेते प्राण 
आशार गुंजीते पाइला 
आमार नाम || 

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