Saturday, July 7, 2012

Ghir Ghir Aai Badariya Kaari ( घिर घिर आई बदरिया कारी )

भारत में मानसून का आगमन हो गया है | यही मौसम है मेघ मल्हार के गीतों का | भारतीय शास्त्रीय संगीत में इन गीतों के लिए अलग राग भी है - राग मियाँ की मल्हार |  प्रस्तुत है ऐसा ही एक गीत | 

कवि : जावेद अख्तर 

घिर घिर आई बदरिया कारी
घर घर लाई लाई महर मतवारी
घिर घिर आई बदरिया कारी 

काली काली कोयल कूके
डाली डाली भंवरा गूंजे
सन सन आये भीगी हवाएं
घन घन काले बदरा बोले

छम छम बाजे बरखा पायल
झम झम बरसे बदरी पागल
गिन गिन तिन राह निहारूं
किन किन नाम तोहे पुकारूं 

घिर घिर आई बदरिया कारी
घर घर लाई लाई महर मतवारी
घिर घिर आई बदरिया कारी 

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