Thursday, July 5, 2012

Aaj Jaane Ki Jid Na Karo ( आज ज़ाने की ज़िद ना करो )

कवि : फ़य्याज़ हाशमी

आज ज़ाने की ज़िद ना करो
यूँ ही पहलू में बैठे रहो 
आज ज़ाने की ज़िद ना करो 

हाय मर जायेंगे 
हम तो लुट जायेंगे
ऐसी  बातें किया ना करो | आज ज़ाने ......

तुम ही सोचो ज़रा 
क्यों न रोकें तुम्हे 
जान जाती है जब
उठ के जाते हो तुम 
तुमको अपनी कसम जानेजां
बात इतनी मेरी मान लो | आज ज़ाने .....

वक्त के कैद में जिंदगी है मगर
चंद घड़ियाँ यही है जो आज़ाद है
इनको खोकर मेरी जानेजां 
उम्र भर ना तरसते रहो | आज ज़ाने .......

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