Saturday, July 14, 2012

Bidhir Badhon Katbe Tumi ( बिधिर बाधोन काटबे तुमि )

आज फिर गुरुदेव का एक गीत लिख रहा हूँ | इस गीत का पूरा अर्थ तो नहीं जानता किन्तु संस्कृत के कुछ शब्दों से कुछ कुछ अंदाजा अवश्य लगा सकता हूँ | यह गीत उस समय लिखा गया था जब अंग्रेजी सत्ता भारत में अपने शिखर पर थी | ऐसे समय भारत जन मानुष बहुत ही हत्तोसाहित था | तब गुरुदेव ने भारतीयों का मनोबल बढ़ाने के लिए ये सुन्दर पंक्तियाँ लिखी थी | इसमें गुरुदेव देशवासियों का मनोबल बढ़ाते हुए कहते हैं वे अपनी शक्ति को पहचाने और विश्वास करे, वह शक्ति बड़े से बड़े बन्धनों को काट सकती है | एक बार फिर गुरुदेव ने बहुत ही सरल शब्दों में कितनी बड़ी बात कह दी है | यह गीत सत्यजीत रे की फिल्म 'घरे बाईरे' में किशोर कुमार की आवाज़ में सुना जा सकता है | 

कवि : गुरुदेव रबिन्द्रनाथ ठाकुर

बिधिर बाधोन काटबे तुमि
एमोन शक्तिमान
तुमि कि एमनी शक्तिमान |
आमादेर भांगा गोड़ा तोमार हाते
एमोन अभिमान
तोमादेर एमनी अभिमान ||

चिरोदिन तानबे पीछे
चिरोदिन राखबे नीचे
एतो बल नाई रे तोमार
शोयबे ना शेई टान | बिधिर बाधोन काटबे तुमि ...........

शाशोनेई जतोई घेरो
आछे बल दुर्बलेरो 
होउ ना जतोई बड़ो
आछेन भगबान 
आमादेर शक्ति मेरे
तोराओ बाछ्बी ने रे
बोझा तोर भारी होलेई
डूब बे तोरी खान | बिधिर बाधोन काटबे तुमि ............

No comments:

Post a Comment